वेलनटाइन डे ...""मेरी अपनी कोई बहन नही है पर जिनकी है वो जवाद जरूर देना""एक तरफ तो युवक 14 फरवरी को हाथ में 2-4 रूपये का फूल 50 रूपये में खरीद कर लड़की को देने को सही ठहराता है और इसे आजा़दी कहता है और दूसरी तरफ जब उसी आज़ादी की बात उसकी सगी बहन करे तो लड़की और उसके साथी को पीटने पर उतारू हो जाता है क्यों ?... ... जो काम किसी की बहन के साथ करना चाहते हो वो अगर तुम्हारी बहन करे तो आज़ादी को कैसा खतरा ?क्या सब अधिकार लड़को के हैं या सच जानते हुए भी अनजान बनने का नाटक करते हो ? क्या यही है हमारी पढ़ाई और हमारा माडरन होना ?क्या आप लोग इस बात से सहमत हैं ?....जिनके अपने घर शीशे के होते है वो दूसरों के घरो में पत्थर नहीं फेंकते..लोग अपने परिवार के सदस्यों को शामिल नहीं करना चाहते..लेकिन वही काम दूसरो के साथ कैसे कर सकते है....बहुत ही शर्मशार कर देनेवाला तजुर्बा है यह तो...'प्रेम' जैसे पवित्र रिश्ते को इस तरह से सरेआम लोग अपने कदमो तले कुचल रहे है.....हम सबको इस पाश्चात्य प्रेम दिवस का विरोध करना चाहिए..
Wednesday, February 8, 2012
14 फरवरी वेलनटाइन डे
वेलनटाइन डे ...""मेरी अपनी कोई बहन नही है पर जिनकी है वो जवाद जरूर देना""एक तरफ तो युवक 14 फरवरी को हाथ में 2-4 रूपये का फूल 50 रूपये में खरीद कर लड़की को देने को सही ठहराता है और इसे आजा़दी कहता है और दूसरी तरफ जब उसी आज़ादी की बात उसकी सगी बहन करे तो लड़की और उसके साथी को पीटने पर उतारू हो जाता है क्यों ?... ... जो काम किसी की बहन के साथ करना चाहते हो वो अगर तुम्हारी बहन करे तो आज़ादी को कैसा खतरा ?क्या सब अधिकार लड़को के हैं या सच जानते हुए भी अनजान बनने का नाटक करते हो ? क्या यही है हमारी पढ़ाई और हमारा माडरन होना ?क्या आप लोग इस बात से सहमत हैं ?....जिनके अपने घर शीशे के होते है वो दूसरों के घरो में पत्थर नहीं फेंकते..लोग अपने परिवार के सदस्यों को शामिल नहीं करना चाहते..लेकिन वही काम दूसरो के साथ कैसे कर सकते है....बहुत ही शर्मशार कर देनेवाला तजुर्बा है यह तो...'प्रेम' जैसे पवित्र रिश्ते को इस तरह से सरेआम लोग अपने कदमो तले कुचल रहे है.....हम सबको इस पाश्चात्य प्रेम दिवस का विरोध करना चाहिए..
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