कर गयी पैदा तुझे उस कोख का एहसान हैसैनिकों के रक्त से आबाद हिन्दुस्तान हैतिलक किया मस्तक चूमा बोली ये ले कफन तुम्हारामैं मां हूं पर बाद में, पहले बेटा वतन तुम्हाराधन्य है मैया तुम्हारी भेंट में बलिदान मेंझुक गया है देश उसके दूध के सम्मान मेंदे दिया है लाल जिसने पुत्र मोह छोड़करचाहता हूं आंसुओं से पांव वो पखार दूंए शहीद की मां आ तेरी मैं आरती उतार लूं
बहुत सुन्दर रचना जय हिंद :)
ReplyDeleteJai Hind... Maa tuzhe salam...
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