लोग कहते है किरण बेदी NGO का खाती है शायद उन लोगो को किरण बेदी का इतिहास
नहीं मालुम है भारत की पहली महिला आई.पी.स.है ! अपनी इमानदारी ओर साहस की
बजह से अपनी नोकरी के दोरान कितना नुक्सान उठाया था आय दिन तबादले झेले
इन्होने .जब इसको सजा के तोर पर ट्राफिक
इन्स्पेक्टर बना दिया गया तो इसने नो पार्किंग जोन में खड़ी.. इंदरा गांधी
की गाडी को उठा कर चालान कर दिया था जबकि उस दोर में किसी की भी इन्द्रा के
सामने बोलने की हिम्मत तक नहीं होती थी .तब फिर इसको सजा के तोर पर मणिपुर
भेज दिया गया था उन दिनों मणिपुर के हालत कितने खराब थे ?? इसको कभी
प्रमोशन नहीं मिला अपनी इमानदारी के चलते ! यदि ये भ्रष्ट होती तो आज ये भी
ओर भ्रष्ट तालुआचात अफसरों की तरह मजे की जिंदगी जी रही होती उसको क्या
मतलब होता भारत की जनता से !!
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteबिल्कुल ये बात सच है अगर वो भी सभी की तरह भ्रष्ट होती तो आज आराम से बैठकर जिन्दगी के मज़े ले रही होती पर नहीं वो देश कि एक समझदार नागरिक कि तरह देश के हित में काम करती रही और आज भी देश के हित में ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ रही है मुझे किरण बेदी के निडरता वाले अंदाज़ पर फक्र है कि वो हमारे देश कि एक जाबांज नारी है
ReplyDelete